आज इस लेख में हम आपको मातारानी से संबंधित शक्तिपीठों में बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं। वैसे तो शक्ति पीठों की संख्या 51 है परन्तु तंत्र-चूडामणि के अनुसार 52 शक्ति पीठ और दुर्गा शप्तसती के अनुसार भी शक्तिपीठों की संख्या ५२ हैं और शिव-चरित्र के अनुसार 51 शक्ति पीठ हैं। तो चलिये जानते हैं कैसे हुई शक्तिपीठों की रचना।
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कैसे हुई शक्ति पीठों की उत्पत्ति।
माता सती राजा दक्ष प्रजापति की पुत्री थी वह मन ही मन भगवान शंकर को पसंद करती थी तथा उनसे विवाह करना चाहती थी। राजा दक्ष को भगवान शंकर को पसंद नहीं करते थे। माता सती ने अपनी पिता की इच्छा के विरूद्ध जाकर भगवान शिव से विवाह किया जिसके कारण राजा दक्ष ने माता सती और शिवजी को अपने यहां पर आयोजित विराट यज्ञ का न्यौता नहीं भेजा था। इसके बावजूद भी भगवान शंकर के काफी मना करने पर भी माता सती अपने पिता के यहां बिना न्यौते के विराट यज्ञ में शामिल हो गई।
राजा दक्ष माता सती के यज्ञ में आ जाने पर बहुत ही क्रोध आये और वह भगवान शंकर के बारे में अपमानजनक बाते कहने लगे। माता सती अपने पति भगवान शंकर के विरूद्ध अपने पिता द्वारा की गई अपमानजनक बातों को नहीं सह सकी तथा उन्होंने वहां पर चल रहे विराट यज्ञ में कूदकर अपने प्राण त्याग दिये।
जब भगवान शंकर को यह बात पता चली तो उन्होंने वीरभद्र को भेजा वीरभद्र ने राजा दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर दिया। तथा भगवान शिव ने यज्ञ कुण्ड में से माता सती का शरीर निकाल लिये और उसे लेकर चारों तरफ घुमने लगे और ताडण्व करने लगे।
भगवान विष्णु ने चक्र से माता के शरीर को किया ५१ भागों में विभक्त।
भगवान शिव जी के इस व्यवहार से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया तब श्री भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को ५१ भागों में विभक्त कर दिया। माता सती के शरीर के भाग अलग-अलग स्थान पर जाकर गिरे जो शक्तिपीठ के नाम से जाने जाते हैं।
1- हिंगलाज शक्तिपीठ
हिंगलाज शक्तिपीठ पाकिस्तान देश के राज्य बलूचिस्तान के हिंगलाज नामक स्थान पर हिंगोल नामक नदी के तट पर है। हिंगोल नदी के तट पर स्थित इस मंदिर को हिंगुला देवी और नानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर माता सती का सिर (ब्रहारंध्र) गिरा था।
2- शर्कररे शक्तिपीठ
शर्कररे शक्तिपीठ पाकिस्तान देश के कराची राज्य के सुक्कर नामक स्थान स्थित है। यहां पर माता सती की आंख गिरी थी।
इसके अतिरिक्त भारत देश के हिमाचल प्रदेश राज्य के बिलासपुर नामक स्थान पर भी माता की आंख गिरना बताया जाता है जिसके चलते यहां पर नैनादेवी नाम से मंदिर स्थापित है।
3- सुगन्धा शक्तिपीठ
सुगन्ध शक्तिपीठ बांग्लादेश के शिकारपुर नामक स्थान के पास सोंध नदी के तट पर स्थित है। यहां पर माता सती की नासिका गिरी थी। इसलिये इसे सुगन्धा शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।
4- महामाया शक्तिपीठ
महामाया शक्तिपीठ भारत देश के कश्मीर राज्य के पहलगांव में स्थित है यहां पर मातारानी का कंठ गिरा था।
5- ज्वाला शक्तिपीठ
ज्वाला शक्तिपीठ भारत देश के हिमाचल राज्य के कांगड़ा नामक स्थान पर स्थित है। यहां पर देवी मां की जीभ गिरी थी।
6- त्रिपुर मालिनी शक्तिपीठ
त्रिपुर मालिनी शक्तिपीठ भारत देश के पंजाब राज्य के जालंधर के देवी तालाब नामक स्थान पर स्थित है। यहां पर माता सती का बायां वक्ष गिरा था।
7- अम्बाजी शक्तिपीठ
अम्बाजी शक्तिपीठ भारत के गुजराज्य प्रान्त के बनासकांठा जिले के अरासुर नामक स्थान पर स्थिति है। इसलिये इसे अरासुरी अम्बाजी शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर माताजी का ह्रदय गिरा था।
8- गुजयेश्वरी शक्तिपीठ
गुजयेश्वरी शक्तिपीठ नेपाल देश के काठमांडू में स्थित में यहां पर माता सती के दोनों घुटने गिरे थे।
9- दक्षायनी शक्तिपीठ
दक्षायनी शक्तिपीठ तिब्बत में कैलाश पर्वत पर चीन के अधीन मान सरोवर के तट पर शिला के रूप में स्थित है। यहां पर माता के बाये हांथ की हथेली गिरी थी।
10 विमला शक्तिपीठ
विमला शक्तिपीठ ओडिशा प्रान्त के पुरी नामक शहर में स्थापित जगन्नाथ मंदिर में है। यहां पर माता की नाभि गिरी थी।
11- गंडकी चण्डी शक्तिपीठ
गंडकी चण्डी शक्तिपीठ नेपाल देश में गण्डकी नदी के समीप स्थित है। यहां पर माता का मस्तक गिरा था।
12- देवी बाहुला शक्तिपीठ
देवी बाहुला शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल में कटवा जंक्शन के समीप वर्धमान में स्थित है। इस स्थान पर माता सती का बांया हाथ गिरा था।
13- मंगल चंद्रिका शक्तिपीठ
मंगल चंद्रिका शक्तिपीठ राज्य पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में उज्जनि गांव में स्थित है। यहां पर देवी मां की दांयी कलाई गिरी थी।
14- त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ
मंगल चंद्रिका शक्तिपीठ राज्य पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में उज्जनि गांव में स्थित है। यहां पर देवी मां की दांयी कलाई गिरी थी।
15- भवानी शक्तिपीठ
भवानी शक्तिपीठ बांग्लादेश के जिला चिटृागौंग जिले सीताकुण्ड स्टेशन के निकट चंद्रनाथ पर्वत पर स्थित है यहां पर देवी मां की दायीं भुजा गिरी थी।
16- भ्रमारी देवी शक्तिपीठ
भ्रामरी देवी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के जिला जलपाइगुडी त्रिसोत नामक स्थान पर स्थापित है यहां पर मातारानी का बायां पैर गिरा था।
17- कामाख्या देवी शक्तिपीठ
कामाख्या देवी शक्तिपीठ असम राज्य के नीलांचल पर्वत के कामाख्या नामक स्थान पर स्थापित है। यहां पर देवी सती का योनी भाग गिरा था।
18- जुगाड्या शक्तिपीठ
जुगाड्या शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल राज्य के वर्धमान जिले के खीरग्राम नामक स्थान पर स्थित है यहां पर माता रानी का दायें पैर का अंगूठा गिरा था।
19- मां कालिका शक्तिपीठ
मां कालिका शक्तिपीठ कोलकत्ता राज्य के कालीघाट नामक स्थान पर स्थित है यहां पर देवी मां का दायें पैर का अंगूठा गिरा था।
२०- मां ललिता शक्तिपीठ
मां ललिता शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद के प्रयाग, संगम नामक स्थान पर स्थित है यहां पर माता के हाथ की अंगुली गिरी थी।
21- माँ जयंती शक्तिपीठ
मॉं जयंती शक्तिपीठ बांग्लादेश के जिला सिल्हैट जयंती परगना के कालाजोर भोर भोग ग्राम में खासी पर्वत पर स्थित है। यहां पर माता सती की बांयी जांघ गिरी थी।
22- माँ विमला शक्तिपीठ
मॉं विमला शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल राज्य के जिला मुर्शीदाबाद किरीटकोण ग्राम में किरीट नामक स्थान पर स्थापित है यहां पर देवी मां का मुकुट गिरा था।
23- विशालाक्षी/ मणिकर्णिका शक्तिपीठ
मॉं विशालाक्षी एवं मणिकर्णिका शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी जिले के काशी में मणिकर्णिका नामक घाट पर स्थापित है यहां पर मातारानी की मणिकर्णिका गिरी थी।
24- मां श्रवणी शक्तिपीठ
मॉं श्रवणी शक्तिपीठ तमिनाडू राज्य के कन्याश्रम भद्रकाली मंदिर में स्थापित है यहां पर देवी मां पीठ गिरी थी।
25- माता सावित्री शक्तिपीठ
माता सावित्री शक्तिपीठ हरियाणा राज्य के कुरूक्षेत्र में स्थापित है यहां पर देवी माता की एड़ी गिरी थी।
26- गायत्री शक्तिपीठ
गायत्री शक्तिपीठ राजस्थान राज्य के अजमेर में पुष्कर के निकट मणिबंध गायत्री पर्वत पर स्थापित है यहां पर माता की दो पहुंचियां गिरी थी।
27- माता महालक्ष्मी शक्तिपीठ
माता महालक्ष्मी शक्तिपीठ बांग्लादेश के सिल्हैट टाउन के पास श्री शैल, जैनपुर गांव में स्थापित है। यहां पर देवी का गला गिरा था।
31- देवगर्भ शक्तिपीठ
देवगर्भ शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल राज्य के बीरभुम जिला में बोलापुर स्टेशन के निकट कांची कोपाई नदी तट पर स्थित है यहां पर देवी मां की अस्थि गिरी थी।
29- माता काली शक्तिपीठ
माता काली शक्तिपीठ मध्यप्रदेश राज्य के अमरकंटक में शाेन नदी के तट पर एक गुफा में स्थित हैं। यहां पर माता रानी का बायां नितम्ब गिरा था।
30- नर्मदा शक्तिपीठ
नर्मदा शक्तिपीठ मध्य प्रदेश राज्य के अमरकंटक में नर्मदा नदी के उदगम स्थान पर स्थित है। यहां पर माता रानी का दायां नितम्ब गिरा था।
31- शिवानी शक्तिपीठ
शिवानी शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश राज्य के झांसी जिले में चित्रकुट में रामगिरी नामक स्थान पर स्थित है यहां पर माता का दायां वक्ष गिरा था।
32- उमा शक्तिपीठ
उमा शक्तिपीठ उत्तर प्रदेश राज्य मथुरा में वृंदावन के भूतेश्वर महादेव मंदिर में स्थित है यहां पर देवी मां का केश गुच्छ/ चूड़ामणि गिरी थी।
33- नारायणी शक्तिपीठ
मां नारायणी शक्तिपीठ तमिनाडू राज्य के शुचि में शुचितीर्थम शिव मंदिर में स्थित है। यहां पर देवी मां की ऊपरी दाड़ गिरी थी।
34- वाराही शक्तिपीठ
वाराही शक्तिपीठ पंचसागर में स्थित है यहां पर माता रानी की निचली दाड़ गिरी थी।
35- अर्पण शक्तिपीठ
अर्पण शक्तिपीठ बांग्लादेश में भवानीपुर गांव में करतोयतत नामक स्थान पर स्थित है यहां पर देवी मां का बायां पायल गिरा था।
36- श्री सुंदरी शक्तिपीठ
श्री सुंदरी शक्तिपीठ आंध्र प्रदेश राज्य के कुर्नूल जिल में श्री शैलम नामक स्थान पर स्थित है। यहां पर देवी मां की दायीं पायल गिरी थी।
37- कपालिनी (भीमरूप) शक्तिपीठ
कपालिनी भीमरूप शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल राज्य के जिला पूर्व मेदिनीपुर में तामलुक के अन्दर विभाष नामक स्थान पर स्थित है। यहां पर माता रानी की बायीं एड़ी गिरी थी।
38- चंद्रभागा शक्तिपीठ
चंद्रभागा शक्तिपीठ गुजरात राज्य के जिला जूनागढ़ सोमनाथ मंदिर के निकट प्रभास नामक क्षेत्र में स्थित है। यहां पर देवी मां का आमाशय गिरा था।
39- अवंति शक्तिपीठ
अवंति शक्तिपीठ मध्य प्रदेश राज्य के उज्जजिनी में शिप्रा नदी के तट पर भैरव पर्वत पर स्थित है। यहां पर माता का ऊपरी ओष्ट गिरा था।
40- भ्रामरी शक्तिपीठ
भ्रामरी शक्तिपीठ महाराष्ट्र राज्य के नासिक में गोदावरी नदी घाटी के जनस्थान में स्थित है यहां पर माता की ठोड़ी गिरी थी।
41- राकिनी/विश्वेश्वरी शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ आध्रप्रदेश राज्य के राजमहेन्द्री में गोदावरी नदी के पास सर्वशैल कोटिलिंगेश्वर मंदिर में स्थित है। यहां पर देवी मां का गाल गिरा था।
42- अंबिका शक्तिपीठ
अंबिका शक्तिपीठ राजस्थान राज्य के भरतपुर जिले में बिरात नामक स्थान में स्थित है। यहां पर देवी माता के बांये पैर की अंगुली गिरी थी।
43- कुमारी शक्तिपीठ
कुमारी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल राज्य के हुगली जिले में खानाकुल कृष्णानगर में रत्नाकर नदी तीर , रत्नावली में स्थित है। यहां पर माता रानी का दायां स्कन्ध गिरा था।
44- उमा शक्तिपीठ
उमा शक्तिपीठ भारत-नेपाल सीमा पर जनकपुर रेलवे स्टेशन के निकट मिथिला नामक स्थान पर स्थित है। यहां पर देवी मां का बायां स्कन्ध गिरा था।
45- कालिका देवी शक्तिपीठ
कालिका देवी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल राज्य के जिला बीरभूम में नलहाटि स्टेशन के समीप स्थित है यहां पर माता सती के पैर की हड्डी गिरी थी।
46- जयदुर्गा शक्तिपीठ
जयदुर्गा शक्तिपीठ कनाट नामक स्थान पर स्थित है यहां पर देवी माता के दोनों कान गिरे थे।
47- महिषमर्दिनी शक्तिपीठ
महिषमर्दिनी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में दुबराजपुर रेलवे स्टेशन के समीप वक्रेश्वर में स्थित है यहां पर माता भ्रूमथ्य गिर थे।
48- यशोरेश्वरी शक्तिपीठ
यशोरेश्वरी शक्तिपीठ बांग्लादेश के जिला खुलना में यशोर नामक स्थान पर स्थित है यहां पर माता का पैर एवं हाथ गिरा था।
49- फुल्लारा शक्तिपीठ
फुल्लारा शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल राज्य के जिला बीरभूम में लाभपुर स्टेशन के निकट अट्टहास नामक स्थान पर स्थित है। यहां पर माता के ओष्ठ गिरे थे।
50- नंदिनी शक्तिपीठ
नंदिनी शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में सैंथिया रेलवे स्टेशन के समीप नंदीपुर में स्थित है। यहां पर माता रानी के गले का हार गिरा था।
51- इंद्रक्षी शक्तिपीठ
इंद्रक्षी शक्तिपीठ ट्रिंकोमाली में है जो पुर्तगाली बमबारी में ध्वस्त हो चुका है केवल वहां एक स्तम्भ शेष है यह त्रिकोणेश्वर मंदिर के निकट है। यहां पर मातारानी की पायल गिरी थी।
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