महाभारत के अभिमन्यु थेे चन्द्रदेव जी के पुत्र:- क्या आप जानते हैं कि महाभारत के पात्र अभिमन्यु जिनको महाभारत के युद्ध में चक्रव्यूह में मार दिया गया था वो चन्द्रदेव जी के पुत्र थे।
दोस्तों आज इस लेख में मैं आपको अभिमन्यु जोकि महाभारत के एक महत्वपूर्ण पात्र से जुड़ी कुछ तथ्यों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहा हूँ जैसा अभिमन्यु थे चन्द्रदेव जी के पुत्र तथा अभिमन्यु जी के अल्प आयु में मारे जाने का रहस्य क्या है।
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क्या आप जानते हैं अभिमन्यु थे चन्द्रदेव जी के पुत्र
विष्णु भगवान ने धरती माता की पुकार पर उनको यह वचन दिया था कि वह शीघ्र धरती पर कृष्ण अवतार में जन्म लेंगे। भगवान विष्णु ने अपने वचनानुसार धरती पर श्रीकृष्ण अवतार में जन्म लिया उनके साथ-साथ अन्य देवताओं ने भी धरती पर जन्म लिया इसी क्रम में चन्द्रदेव जी के पुत्र ”वर्चा” जी का भी अवतर लेने की बारी आयी। चन्द्रदेव जी अपने पुत्र से अत्याधिक प्रेम करते थे जिसके चलते वह पुत्र वियोग नहीं सह सकते थे।
अभिमन्यु का अल्प आयु में वीरगति को प्राप्त होने का रहस्य
जैसा कि हमने इस लेख में आपको ऊपर बताया है कि चन्द्रदेव के पुत्र वर्चा जी का अभिमन्यु के रूप में अवतार होना था और चन्द्रदेव जी अपने पुत्र का वियोग सह नहीं सकते थे इसलिये उन्होंने प्रार्थना कि की उनके पुत्र वर्चा की आयु मानव योनि में मात्र सोलह वर्ष होनी चाहिये।
चन्द्रमा जी की प्रार्थना पर ही अभियन्यु थे चन्द्रदेव जी के पुत्र की आयु 16 वर्ष निर्धारित की । इसलिये महाभारत के युद्ध में अल्प आयु में ही अर्जुन पुत्र अभिमन्यु को वीरगति प्राप्त हुई थी।
श्रीकृष्ण भगवान के इस अवतार के साथ अन्य देवताओं द्वारा लिये गये अवतार निम्न प्रकार हैं-
इसी क्रम में अन्य देवताओं द्वारा लिये गये अवतार निम्न प्रकार है-
- कालनेमी राक्षस ने कंस का
- विप्रचित्ति ने जरासंध का
- हिरण्यकश्यप ने शिशुपाल का
- वृहस्पतिदेव से द्रोणाचार्य ने
- रूद्र के एक गण ने कृपाचार्य का
- कलियुग का अंश के रूप में दुर्योधन का
- द्वापर युग का अंश के रूप में शकुनि का
- यम, क्रोध, काल व महादेव के अंश से अश्वथामा का
- धर्म अवतार के रूप में युधिष्ठिर का
- वायुदेव से भीम का
- इन्द्रदेव से अर्जुन का
- सूर्यदेव से कर्ण का
- अश्विनी कुमार से नकुल और सहदेव का
- वसु गंगापुत्र के रूप में भीष्म का
इसी तरह अन्य देवी-देवताओं ने भी मानव रूप में अवतार लिया।
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