Baby Constipation Problem कही आपके बच्चे को भी मल त्यागनें में कठिनाई या कई दिनों तक मल ना आना, चिडचिडा रहना, पेट फूला या कडा होना, मल त्यागतें समय चेहरा लाल हो जाना या जोर लगाना आदि समस्याओं का सामना तो करना नहीं पड रहा है अगर हॉं तो इसका सीधा मतलब यह है कि आपका बच्चा कब्ज से जुझ रहा है। जिसके कारण उसे मल त्यागते समय असहनीय दर्द का सामना करना पड रहा है। तो क्या इसके उपचार के लिये Mugli Ghutti 555 का प्रयोग किया जा सकता है और What is a Benefit of Mugli Ghutti 555.
Baby Constipation Problem बच्चों की इन्ही समस्याओं के समाधान के लिए आज हम इस लेख में आपको पूर्ण जानकारी उपलब्ध करा रहे है। चूंकि आर्युवेदिक दवाईयों के उपयोग से बच्चे को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता क्यो कि उनके बनाने में केवल प्राकृतिक जडी-बुटियों का प्रयोग किया जाता है। जो केवल लाभकारी होती है।
अतः हम आज आपको एक ऐसी आर्युवेदिक दवाई के बारे में बता रहे है जो कि वर्ष 1918 से प्रयोग में लायी जाती आ रही है जिसको लगभग हर परिवार में प्रयोग में लाया ही जाता है इसलिए यह बहुत ही विश्वसनीय आर्युवेदिक दवाई है। जिसका नाम तो आप जानते ही होगें मुगली घुट्टी 555। तो चलिए जानते है इसके फायदे।
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What is a Benefit of Mugli Ghutti 555?
मुगली घुट्टी 555 बच्चों के लिए क्यों आवश्यक है और इसके क्या फायदे हैं। इस औषधी का प्रयोग वर्ष 1918 से लगातार करोडों माता-पिता द्वारा अपने बच्चों की पेट संबंधी शिकायतों के निदान के लिये किया जाता आ रहा है। ।
मुगली घुट्टी 555 जन्म से लेकर 05 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए एक महान पोष्टिक मीठी दवा है। यह प्रयोग में अत्यन्त सरल व एकदम निर्दोष है। मुगली घुट्टी 555 में बच्चों के लिए अमृत-तुल्य 18 जड़ी-बूटियों का निचोड़ है। मुगली घुट्टी 555 का प्रयोग 05 वर्ष की आयु तक के निरोगी बच्चों को भी प्रतिदिन कराया जाये तो एक पुष्टई का काम करती है।
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मुगली घुट्टी 555 के अन्दर प्रयोग की गई जड़ी बूटियाें के नाम व उनसे होने वाले फायदे।
Harad (Small)- छोटी हरड जो हरीतकी के नाम से भी जानी जाती है इसका प्रयोग पेट सम्बन्धी गम्भीर बीमारियों के निदान के साथ-साथ चेहरें की सुन्दरता को बढानें के लिये किया जाता है।
Harad (Large)- बडी हरड जो कई बीमारियों में निदान में अहम रोल निभाती है। जैसे उल्टी, पेट में फुलाव, बुखार का आना आदि।
Ajwain– अजवाईन एक लाभकारी औषधी है जो नियमित रूप से हर घर में सब्जी आदि को बनाने के लिये भी प्रयोग में लाई जाती है। यह पेट के लिये अत्यन्त लाभदायक होती है यह कब्ज के निदान के लिये अत्यन्त गुणकारी है। अगर आप रोज सवेरें खाली पेट अजवाईन के पानी का प्रयोग कर लेते है तो आपको कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। अजवाईन गर्म बहुत होती है। इसका प्रयोग केवल सर्दियों में ही होता।
Bahera-बहेडा का उपयोग पित्त की सूजन में, गांठ खोलनें में, लगातार हिचकी आने में, शारीरिक कमजोरी दूर करने, सीने में जलन तथा आखों की रोशनी बढानें में आदि कई बीमारियों में लाभकारी है।
Nisot:- निशोथ जडी बुटी पेट से जुडी बीमारी, बार बार बुखार आना पेट में सूजन आखों से सम्बन्धित और भी कई बीमारियों में लाभदायक ओषधी है।
Mulethi- मुलेठी बच्चें की खांसी व कफ सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने के लिये प्रयोग की जाती है।
Saunf- सौंफ पाचन शक्ति को ठीक करने व भूख बढ़ाने का कार्य करती है यह बहुत ही उपयोग औषधि है यदि इसका प्रयोग हम खाना खाने के उपरान्त करते हैं तो यह खाने का पाचन करने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
Marorphali- मरोडफली वृक्ष पर लगने वाला एक फल है यह वृक्ष मध्य और पश्चिमी भारत के जंगलों में पाया जाता है। मरोडफली कफ एवं पित्त का शमन करती है। कफ को बाहर निकालती है। यह उदर रोगों को दूर करती है।
Jeera– जीरा एंटीओक्सीडेन्ट होता है जो सूजन को कम करते हुए माॅशपेशियों को आराम पहुचाता है। यह आयरन, पौटेशियम, कैलशियम आदि के गुण विद्यमान होते है। जो हमारे शरीर के लिए भी बहुत अधिक लाभदायक है।
Amaltas– अमलतास पेट से सम्बन्धित रोगों के लिए बहुत ही गणकारी औषधी है। साथ ही यह खासी, बुखार, त्वचा रोग आदि के लिए भी प्रयोग में लायी जाती है।
Baykhuma– बाखुमा शरीर में पेट सम्बन्धी हर बीमारियों से निजात दिलाता है।
Makoh– मकोय बहुत ही लाभकारी ओषधी है तथा यह रसभरी होती है इसके प्रयोग से आप अपनी किडनी को स्वस्थ रख सकते है मकोय हर राज्य तथा हर मौसम में मिलती है।
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मुगली घुट्टी 555 बच्चों की किन-किन बिमारियों में काम में ली जा सकती है
- यदि आपके बच्चे को कब्ज सम्बन्धी किसी भी प्रकार की शिकायत है जैसे पुट्टी का टाईट आना, कई-कई दिनों बाद पुट्टी का आना,
- बच्चेंं के पेट में दर्द होना।
- बच्चे का बार बार दूध उलटना यानि उल्टी करना।
- बच्चें को हरे पीलें दस्त आना
- दाॅत निकलतें समय होनें वाले कष्ट
- शारीरिक दुर्बलता-सुखा रोग आदि समस्याओं में मुगली घुट्टी ५५५ बहुत ही लाभकारी औषधी है।
मुगली घुट्टी की खुराक देने की विधि।
बच्चे की उम्र के आधार पर मुगली घुट्टी की खुराक बच्चों की दी जाती है जो निम्न सारिणी के अनुसार होनी चाहिए
एक दिन से 03 माह तक के बच्चों के लिए | 5 बूंद |
03 माह से 06 माह तक के बच्चों के लिए | 10 बूंद |
06 माह से 01 साल तक के बच्चों के लिए | 15 बूंद |
01 साल से 02 साल तक के बच्चों के लिए | 20 बूंद |
02 साल से 03 साल तक के बच्चाें के लिए | 25 बूंद |
03 साल से ज्यादा के बच्चों के लिए | एक चम्मच |
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हम उम्मीद करते हैं कि आप Benefit of Mugli Ghutti 555 समझ गये होंगे यह इकलौती ऐसी दवा है जिसक प्रयोग हमारे दादा परदादा के समय से होता आ रहा है जो नुकसान रहित है और जिसका प्रयोग वास्तव में बहुत ही गुणकारी सिद्ध होता है। अत- आप एक बार Baby Constipation Problem के लिये Mugli Ghutti 555 का प्रयोग करके अवश्य देखें।
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